दिन ढल जाये हाय, रात ना जाय - गाइड (1965)



दिन ढल जाये हाय, रात ना जाय
तू तो न आए तेरी, याद सताये,  


प्यार में जिनके, सब जग छोड़ा, और हुए बदनाम
उनके ही हाथों, हाल हुआ ये, बैठे हैं दिल को थाम
अपने कभी थे, अब हैं पराये


ऐसी ही रिम-झिम, ऐसी फ़ुवारें, ऐसी ही थी बरसात
खुद से जुदा और, जग से पराये, हम दोनों थे साथ
फिर से वो सावन, अब क्यूँ न आये


दिल के मेरे, पास हो इतने, फिर भी हो कितनी दूर
तुम मुझ से मैं, दिल से परेशाँ, दोनों हैं मजबूर
ऐसे में किसको, कौन मनाये

गीतकार : शैलेन्द्र
गायक : मोहम्मद रफ़ी
संगीतकार : सचिन देव बर्मन
चित्रपट : गाइड (1965)

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