जाने वो कैसे लोग थे जिनके प्यार को प्यार मिला
हमने तो जब कलियाँ माँगी काँटों का हार मिला
खुशियों की मंज़िल ढूँढी तो ग़म की गर्द मिली
चाहत के नग़मे चाहे तो आँहें सर्द मिली
दिल के बोझ को दूना कर गया जो ग़मखार मिला
बिछड़ गया हर साथी देकर पल दो पल का साथ
किसको फ़ुरसत है जो थामे दीवानों का हाथ
हमको अपना साया तक अक़सर बेज़ार मिला
इसको ही जीना कहते हैं तो यूँही जी लेंगे
उफ़ न करेंगे लब सी लेंगे आँसू पी लेंगे
ग़म से अब घबराना कैसा, ग़म सौ बार मिला
गीतकार : साहिर लुधियानवी
गायक : हेमंत कुमार
संगीतकार : सचिन देव बर्मन
चित्रपट : प्यासा (1957)
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सनम पूरी ↴
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