ऐ दिल ना कर तू चाहतें
तुझको नहीं इजाज़तें
दहलीज़ से ना उतर
ख़ुशियाँ नहीं इस राह में
मिलते हैं ग़म इस चाह में
ग़म से प्यार ना कर
अपनी कभी तू कसमें ना खाना
दुनिया की रस्मों को तू निभाना
पछताएगा तू वरना
दिल संभल जा ज़रा
ऐ दिल ना कर तू चाहतें
तुझको नहीं इजाज़तें
दहलीज़ से ना उतर
तन्हा रहो या भीड़ में
होती नहीं कम ये तन्हाई
ये इश्क़ में सीलन भरी
आती कहाँ से है गहराई
कैसे रहेगा तन्हा अकेला
ऐ दिल तू मासूम है
आते हैं कैसे आँखों में आँसू
क्या तुझको मालूम है
अपनी कभी तू कसमें ना खाना
दुनिया की रस्मों को तू निभाना
पछताएगा तू वरना
दिल संभल जा ज़रा
ऐ दिल ना कर तू चाहतें
तुझको नहीं इजाज़तें
दहलीज़ से ना उतर
ये शहर है बिखरा हुआ
इसमें टूटे ही दिल रहते हैं
इस दर्द से ऐ मेरे दिल
तेरा ये पूरापन सहते हैं
देखे बिना भी अपने किशन को
मीरा अधूरी नहीं
जीने की ख़ातिर ये प्यार कोई
इतना ज़रूरी नहीं
अपनी कभी तू कसमें ना खाना
दुनिया की रस्मों को तू निभाना
पछताएगा तू वरना
दिल संभल जा ज़रा
ऐ दिल ना कर तू चाहतें
तुझको नहीं इजाज़तें
दहलीज़ से ना उतर
गीतकार : शकील आज़मी
गायक : सोहम नाइक
संगीतकार : हरीश सगाने
टीवी सीरियल : दिल संभल जा ज़रा
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