जाने दें - करीब करीब सिंगल (2017)




वो जो था ख्वाब सा
क्या कहें जाने दें
ये जो है कम से कम
ये रहे के जाने दें

क्यूँ ना रोक कर खुद को
एक मशवरा कर लें
मगर जाने दे
आदतन तो सोचेंगे
होता यूँ तो क्या होता
मगर जाने दे
वो जो था ख्वाब सा...

बीता जो बीते ना हाय क्यूँ
आये यूँ आँखों में
हमने तो बे-मन भी सोचा ना
क्यूँ आये तुम बातों में
पूछते जो हमसे तुम
जाने क्या-क्या हम कहते
मगर जाने दे
आदतन तो सोचेंगे...

आसां नहीं है मगर
जाना नहीं अब उधर
मालूम है जहाँ दर्द है
वहीं फिर भी क्यूँ जाएँ
वही कश्मकश वही उलझनें
वही टीस क्यूँ लायें
बेहतर तो ये होता
हम मिले ही ना होते
मगर जाने दे
आदतन तो सोचेंगे...

गीतकार : राजशेखर
गायक : आतिफ़ असलम
संगीतकार : विशाल मिश्रा
चित्रपट : करीब करीब सिंगल (2017)



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